शिक्षा मंत्री दिलावर की शिक्षकों को दो टूक...
*दिलावर की चेतावनी- अश्लील हरकत करने वालों के बेटा-बेटी भूखे मरेंगे, बोले- स्कूलों में ऐसा करने वाले बाज आएं, बर्खास्त किए जाएंगे*
जयपुर ;:- ( बी एल सरोज ) चित्तौड़गढ़ जिले के एक सरकारी स्कूल के हेड मास्टर और महिला टीचर के अश्लील वीडियो सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है। दिलावर ने कहा- शिक्षा के मंदिर में अगर कोई इस तरह की हरकत करेगा, तो उसे बर्खास्त करेंगे। जो इस तरह की अश्लील हरकत करते हैं, वह अपनी हरकतों से बाज आए, नहीं तो उनके बेटा-बेटी और वह सब भूखे मरेंगे। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- चित्तौड़गढ़ के सरकारी स्कूल में अश्लील हरकत करने वाले दोनों कर्मचारियों को शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को मीडिया से बातचीत में दिलावर ने यह बात कही। तस्वीर जांच कमेटी की है। हेड मास्टर और महिला टीचर के वीडियो सामने आने के बाद टीम स्कूल में जांच करने पहुंची थी। तस्वीर जांच कमेटी की है। हेड मास्टर और महिला टीचर के वीडियो सामने आने के बाद टीम स्कूल में जांच करने पहुंची थी। बोले- मैं चेतावनी देता हूं, ऐसी हरकत करने वाले बाज आए, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- मैं सभी लोगों को चेतावनी देता हूं। स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ ही संस्कार दिए जाते हैं। कोई भी टीचर अगर शिक्षा के मंदिर में इस तरह की गलत हरकत करेगा तो उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त एक्शन लेंगे।
*वीडियो में अश्लील हरकत करते दिखे हेड मास्टर-टीचर*
दरअसल, ये पूरा मामला चित्तौड़गढ़ जिले के एक सरकारी स्कूल का है। यहां हेड मास्टर और महिला टीचर के अश्लील हरकतें करने के वीडियो सामने आए थे। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजेंद्र कुमार शर्मा ने हेड मास्टर और महिला टीचर को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया था। इसके साथ ही दोनों के खिलाफ विभाग की ओर से पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिसकी जांच शुरू कर दी है। मामले को लेकर शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी बनाई गई थी। टीम के सामने महिला टीचर ने टीम ने स्वीकार किया था कि वीडियो में वह खुद है, लेकिन इसे एडिट किया गया है। हेड मास्टर ने नोटिस का जवाब नहीं दिया और टीम के सामने पेश भी नहीं हुए। कमेटी की जांच में वीडियो सही पाए गए थे। राजेंद्र कुमार शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि इनके आचरण से विभाग की छवि खराब हुई है। इनका अपराध अक्षम्य है। ऐसे में इनके खिलाफ 16 सीसीए के तहत जांच जरूरी नहीं है।
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