कानोड़िया महाविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन ।
अनुसंधान में आईसीटी टूल्स के प्रयोग“ विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजनजयपुर :- ( बी एल सरोज ) कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के टीचिंग लर्निंग सेंटर एवं सेंटर फॉर रिसर्च एंड डवलपमेंट द्वारा महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं के लिये “अनुसंधान में आईसीटी टूल्स के प्रयोग“ पर (20 से 27 जनवरी, 2025) सात दिवसीय कार्यशाला दिनांक 20 जनवरी, 2025 से शुरू हुई। कार्यशाला का उद्देश्य उच्च शिक्षण में अनुसंधान प्रक्रिया की दक्षता और प्रभावशीलता को विभिन्न आईसीटी टूल का उपयोग करके, डेटा संग्रह, विश्लेषण और प्रस्तुति प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना था। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने अपने स्वागत उद्बोधन में सत्र विशेषज्ञ का स्वागत किया तथा उच्च शिक्षा में अनुसंधान के महत्व बताते हुए कहा कि चुनौती आईसीटी टूल्स को सुविधाजनक बनाने की है जो अनुसंधान को सुचारू बनाते हैं तथा अनुसंधान के विभिन आयामों से जोड़ते है। उद्घाटन सत्र ‘रिसर्च मेथोडोलॉजी विथ एआई’ के सत्र विशेषज्ञ रहे प्रो. मानविंदर सिंह पाहवा, वाणिज्य विभाग, डॉ. हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी, सागर, मध्य प्रदेश। उन्होंने अनुसंधान पद्धति की प्रक्रिया, तकनीकों, घटकों, विभिन्न प्रकार के विश्लेषणों के बारे में जानकारी दी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में विस्तार से बताया साथ ही दैनिक जीवन के विभिन्न उदाहरणों द्वारा एआई के चरण और अनुसंधान में एआई की भूमिका पर प्रकाश डाला। दूसरे दिन के सत्र में ‘बिबलियोग्राफी एवं प्लेजरिज़म इन रिसर्च’ डॉ. आर.के. टेलर, व्यवसाय प्रशासन विभाग, मणिपाल यूनिवर्सिटी,जयपुर ने शोध पत्र लिखते समय विचार किए जाने वाले बिंदुओं, वर्तमान शोध में प्रमुख मुद्दों, ग्रंथ सूची में संदर्भ की आवश्यकता, महत्व, उचित संदर्भ के प्रमुख घटकों के बारे में चर्चा की। उन्होंने शोध पत्र प्रकाशित करते समय विभाग एवं शिक्षकों के बीच सहयोग तथा पढ़ने के महत्व,एआई टूल्स के उपयोग के बजाय अपने तरीके से लिखना बेहतर बताया साथ ही प्लेजरिज़म से बचने के लिए विभिन्न युक्तियों और प्रामाणिक सॉफ्टवेयर के उपयोग के बारे में भी अवगत कराया। सत्र बहुत ही जानकारीपूर्ण और ज्ञानवर्धक रहे। महाविद्यालय की लगभग 100 व्याख्याताओं ने भाग लिया। संयोजक डॉ. रीमा श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
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